14.9.07

विकास कुमार की आवाज़ में मेरी कविता 'अंतर्द्वन्द्व'

मेरी कविता अंतर्द्वन्द्व अब विकास कुमार की आवाज़ में यहाँ सुने

इसके पहले मेरी कविता हर लम्हा एक विस्मय भी आई थी विकास कुमार की आवाज में

धन्यवाद विकास :)

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

बढ़िया आवाज दी है विकास ने आपकी कविता को, बधाई.

प्रकृति और पंक्षियों को अर्पित मेरी कृति

प्रकृति और पंक्षियों को अर्पित - वस्त्रों ( टी-शर्ट्स ) के लिए मेरी कृति : वीडियो - प्रकृति और पंक्षियों से प्रेरित डिज़ाइन:  और पढ़ें ... फ...